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‘ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम’ के शोरशराबे में पत्रकारिता ‘कठिन दौर’ से गुजर रही है – राष्ट्रपती

नयी दिल्ली | महाईन्यूज | ऑनलाईन टीम

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश मे शुरू पत्रकारिता को लेकर चिंत जताई है. उन्होने सोमवार (दि. 20) को कहा कि पत्रकारिता एक ‘कठिन दौर’ से गुजर रही है. फर्जी खबरें नये खतरे के रूप में सामने आई हैं. जिसका प्रसार करने वाले खुद को पत्रकार के रूप में पेश करते हैं, और इस महान पेशे को कलंकित करते हैं.

कोविंद ने आगे कहा कि, सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को सामने रखने वाली खबरों की अनदेखी की जाती है, और उनका स्थान तुच्छ बातों ने ले लिया है. याने कि ये बात मानने की कोई दिलचस्पी नही रख पा रहा है. वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने में मदद के बजाय कुछ पत्रकार रेटिंग पाने और ध्यान खींचने के लिए अतार्किक तरीके से काम करते हैं. रामनाथ गोयनका एक्सलेंस इन जर्नलिज्म पुरस्कार समारोह को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम’ के शोरशराबे में संयम और जिम्मेदारी के मूलभूत सिद्धांत की अनदेखी की जा रही है.

कोविंद ने ये भी कहा कि, पुराने लोग ‘फाइव डब्ल्यू एंड एच’ (व्हाट (क्या), व्हेन (कब), व्हाई (क्यों), व्हेयर (कहां), हू (कौन) और हाउ (कैसे) के मूलभूत सिद्धांतों को याद रखते थे. जिनका जवाब देना किसी सूचना के खबर की परिभाषा में आने के लिये अनिवार्य था. उन्होंने कहा, ‘फर्जी खबरें नए खतरे के रूप में उभरी हैं, जिनका प्रसार करने वाले खुद को पत्रकार के तौर पर पेश करते हैं और इस महान पेशे को कलंकित करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब नागरिक अच्छी तरह से जानकार हो.’

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